सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बेवजूद Bewzood

 बेवजूद



तेरी आँखों में जो जादू है,
दिल मेरा बस तुझसे रू-ब-रू है।
तेरी हर एक नज़र में है प्यार का एहसास,
तेरे बिना दुनिया लगे बहुत उदास।

तेरी आँखों की गहराइयों में खो जाता हूँ,
हर बार खुद को मैं तुझमें पाता हूँ।
तेरे बिना हर खुशी लगती अधूरी,
तू ही है मेरे दिल की सबसे बड़ी ज़रूरी।

तेरी नज़रों में छुपा है वो हसीन जहाँ,
जहाँ मेरा हर सपना बनता है मेहरबाँ।
तेरी हर नज़र में है एक सच्चाई,
जो बदल देती है मेरी पूरी दुनिया की छाँई।

तेरे बिना ये दिल है बिल्कुल वीरान,
तेरी हर झलक में छुपा है मेरा जहाँ।
तू हो तो दुनिया लगे एक खुशनुमा ख्वाब,
तेरे बिना हर लम्हा लगे जैसे कोई सुलगता सवाल।

अब तेरी आँखों में ही ढूंढता हूँ सुकून,
तेरे बिना ये दिल है एकदम मसरूफ।
तू ही है वो जादू, वो दिल का सुकून,
तेरे बिना ये दुनिया है बिल्कुल बेवजूद।


This poem emphasizes the enchanting power of the beloved’s eyes and how their love brings meaning to life, while their absence creates an overwhelming sense of emptiness.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कुछ कमीने दोस्त Kuch Kamine Dost

 कुछ कमीने दोस्त कभी हंसते हैं, कभी रुलाते हैं,  कुछ क़ामिन दोस्त हमें यूं ही सताते हैं।  हंसी में छुपा एक राज़ है, जो  हर मस्ती में अपनी बात बताते हैं।  जब भी मुश्किलें आईं, साथ खड़े रहे,  फिर भी कभी-कभी दिल से हमें तंग करते रहे।  उनकी दोस्ती का ये अनोखा अंदाज़ है,  कभी प्यार से, कभी मजाक में हमें नचाते हैं।  कभी पास आते, कभी दूर हो जाते,  पर ये दोस्ती में कभी कमी नहीं लाते।  कुछ क़ामिन दोस्त हैं, पर दिल के करीब हैं,  उनके साथ बिताए लम्हे, हमेशा खास रहते हैं। -: नितिन कुमार :-

देश की मिट्टी (Desh ki Mitti) - Soil of the Nation

देश की मिट्टी (Desh ki Mitti) - Soil of the Nation पहला छंद: देश की मिट्टी, चंदन सी पावन, माथे पे लगाऊँ, बन जाऊँ मैं धावन। इसकी रक्षा में, जीवन अर्पण कर दूँ, भारत माँ की सेवा में, हर पल समर्पित रहूँ। दूसरा छंद: इस मिट्टी में जन्मे, वीर सपूत अनेक, जिनकी गाथा गाता, हर एक जन सेवक। भगत सिंह, गाँधी, नेहरू की यह धरती, त्याग और बलिदान की, अमर कहानी गढ़ती। तीसरा छंद: इस मिट्टी में खिले, रंग-बिरंगे फूल, भाईचारा, एकता का, अनुपम है मूल। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब यहाँ, मिलजुल कर रहते, जैसे एक परिवार महान। चौथा छंद: देश की मिट्टी, मेरी माँ का आँचल, इसकी रक्षा में, मैं हूँ अटल। हर कण में बसा, देशप्रेम का भाव, भारत माँ की जय, यही मेरा है ठाव।

चांदनी रात Chandni Raat

 चांदनी रात चांदनी रात में तेरा ख्याल आता है, दिल को जैसे कोई सुकून दिलाता है। तेरे बिना ये चाँद भी अधूरा लगे, तू ही है मेरी रात का वो चाँद। तेरे चेहरे की रोशनी में झिलमिलाते हैं तारे, तेरे बिना ये आकाश भी लगे सूनसान सारे। तेरे ख्यालों में खोकर मैं हर दर्द भूल जाता, तेरी यादों की चादर ओढ़कर सुकून पाता। जब चाँद निकलता है, तेरा नाम लेता है, तेरी हंसी की गूंज हर काजल से लिपटता है। तू है तो रातें हैं खुशनुमा, तेरे बिना ये आसमान भी लगता है सुना। तेरे बिना चाँद की चाँदनी फीकी है, तेरे प्यार की खुशबू से हर रात महकी है। तू ही है मेरे दिल का हर राज़, तेरे साथ बिताए लम्हे हैं सबसे खास। अब हर चांदनी रात में तेरा एहसास है, तेरे बिना ये जीवन एक अधूरा इतिहास है। तू ही है मेरी रात का वो चाँद, तेरे साथ में ही हर ख्वाब है बुनता। This poem beautifully expresses how the presence of a loved one transforms the beauty of a moonlit night into something profound and meaningful, highlighting their importance in every moment.