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तेरी झलक में Teri Jhalak Me

तेरी झलक में 



तेरी झलक में बसा है मेरा प्यार,
तेरे बिना हर दिन लगे बेकार।
तू ही है मेरी धड़कनों का एहसास,
तू ही है मेरे प्यार का वो खास।

तेरी नज़रें जब मुझ पर ठहरती हैं,
हर दर्द और ख़ुशी से मुझे आभरती हैं।
तू हो तो हर लम्हा हो जाता है सुनहरा,
तेरे बिना ये दिल है जैसे एक बिखरा।

तेरे साथ बिताए लम्हों की है बात अलग,
तेरे बिना ये दिल है जैसे एक चुप्पा संग।
तू हो तो दुनिया में हर रंग है छाया,
तेरे बिना हर चीज़ में बस तन्हाई है साया।

तेरी हंसी में बसी है मेरी जिंदगी की खुशी,
तेरे बिना हर दिन लगता है जैसे कोई तृष्णा की बशी।
तू ही है मेरे दिल का हर नज़ारा,
तेरे बिना ये जीवन है जैसे कोई उदास मंजर।

अब तुझमें है मेरी हर एक आस,
तेरे बिना ये दिल है बिल्कुल उदास।
तू ही है मेरे प्यार का सबसे बड़ा एहसास,
तेरी झलक में है मेरी खुशियों का साज।


This poem beautifully expresses the deep love and longing the speaker feels for their beloved, emphasizing how their presence brings meaning and joy to life, while their absence creates a sense of emptiness.

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