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तेरे करीब - Tere Kareeb

तेरे करीब 



तेरे करीब जब भी आता हूँ,
दिल की गहराइयों से तुझे बुलाता हूँ।
तू ही है मेरा सच्चा प्यार,
तेरे बिना दुनिया लगती बेकार।

तेरी नज़रों में है वो प्यार का नशा,
जिससे हर दर्द हो जाता है बेमजा।
तेरे बिना ये दिल नहीं माने,
तू हो तो हर दिन नया सा लगे।

तेरे पास होने से दिल को सुकून मिलता,
तेरे बिना हर सपना अधूरा सा दिखता।
तू हो तो हर खुशी हो जाती पूरी,
तेरे बिना ये ज़िन्दगी लगे बड़ी दूरी।

तेरे साथ बिताए हर लम्हे की याद,
दिल में जगाती है उम्मीदों की फरियाद।
तेरे बिना हर पल लगता है बेमानी,
तू ही है मेरी मोहब्बत की निशानी।

अब तेरे करीब ही रहने की चाह है,
तेरे बिना हर राह में बस आह है।
तू ही है मेरे दिल का सबसे प्यारा अहसास,
तेरे बिना ये दुनिया लगती बिल्कुल उदास।


This poem reflects the deep longing and love that the speaker feels when near their beloved, highlighting the fulfillment in their presence and the emptiness when they are apart.

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