होंठों की हंसी
होंठों की हंसी है जैसे कोई गीत,
तू ही मेरी धड़कनों का संगीत।
तेरे बिना ये जीवन अधूरा है,
तू ही मेरी खुशियों का पूरा है।
तेरी मुस्कान में बसी है दुनिया सारी,
तेरे बिना ये ज़िन्दगी लगे बेचारी।
तू हो तो हर दिन है बहार,
तेरे बिना हर लम्हा है बेसरकार।
तेरी आँखों में है वो चमक अनमोल,
तेरे बिना सब कुछ लगता है खोखला और गोल।
तू ही है वो सच्चा सपना,
जो दिल की गहराइयों में बसा है अपना।
तेरे साथ हर सफर लगे आसान,
तेरे बिना दिल में है सिर्फ वीरान।
तू ही है मेरे दिल का सुकून,
तेरे बिना हर ख्वाब लगे अधूरा, बेमतलाब।
अब तेरे बिना जीना मुश्किल है,
तू ही मेरी हर खुशी का हासिल है।
तू ही है वो मोती, वो अनमोल खजाना,
तेरे बिना ये दिल है बिल्कुल दीवाना।
This poem captures the essence of how a loved one's smile and presence complete life, making every moment brighter and more meaningful while highlighting the emptiness in their absence.
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