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तेरे बिना Tere Bina

 तेरे बिना 



 तेरे बिना हर ख्वाब अधूरा सा लगता है,

तेरे बिना दिल में खालीपन रहता है।

तू है तो सब कुछ है मेरे पास,

तू ही मेरा जीवन, तू ही मेरा विश्वास।


तेरे बिना हर सुबह उदास लगती है,

खुशियों की राह कहीं खोसी लगती है।

तू साथ हो तो हर दिन लगे हसीन,

तेरे बिना ये ज़िन्दगी बेजान सी लगती है।


तेरी हंसी से सजती है मेरी दुनिया,

तेरे बिना हर रास्ता लगता है सुनसान।

तू हो तो दिल को मिले सुकून,

तेरे बिना हर खुशी है जैसे बेगान।


तेरी यादों में ही जीता हूँ हर पल,

तेरे बिना ये सफर लगता है विफल।

तू हो तो हर ख्वाब में रंग भरे,

तू ही है वो जो दिल के हर दर्द को हरे।


अब तुझसे ही है मेरी हर उम्मीद,

तेरे बिना ये जीवन लगे एक अंधी दौड़।

तू ही मेरा सहारा, तू ही मेरा साथ,

तेरे बिना सब कुछ है जैसे एक बेजान हाथ।



-: नितिन कुमार :-


This poem now flows across five stanzas, emphasizing the feelings of emptiness and incompleteness when the loved one is absent, while also highlighting their importance and the fulfillment they bring to life.

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