तेरी यादें
तेरी यादें तेरी यादों में जब भी खो जाता हूँ,
दिल की धड़कनों में तुझे पाता हूँ।
तू है दूर, पर फिर भी पास,
तेरे बिना ज़िन्दगी जैसे कोई उलझा हुआ राज़।
तेरी यादों में जब भी खो जाता हूँ,
दिल की धड़कनों में तुझे ही पाता हूँ।
तू है दूर, पर फिर भी पास,
तेरे बिना ज़िन्दगी जैसे कोई उलझा हुआ राज़।
हर लम्हा तेरी हंसी की गूंज सुनाई देती,
तेरी बातें दिल के कोने में कहीं छुपी रहती।
तू नहीं है, पर फिर भी हर ओर है तू,
तेरी यादें मुझे हर पल देती हैं सुकून।
आँखें बंद करूं तो तेरा ही चेहरा नज़र आए,
दिल के हर कोने में बस तू ही समाए।
तेरे बिना ये दुनिया सूनी सी लगे,
तेरी यादों से ही मेरी रातें जगे।
तेरी बातें याद कर, दिल मुस्कुराता है,
तेरे ख्यालों में खोना अच्छा लगता है।
तू दूर सही, पर हर सांस में है तेरी छवि,
तेरे बिना ये जीवन लगे अधूरी कभी।
अब तेरी यादें ही हैं मेरे साथ,
तेरी चाहत में कटते हैं मेरे दिन-रात।
तू है मेरा प्यार, मेरा ख्वाब, मेरा अंदाज़,
तेरे बिना ज़िन्दगी है बस एक अधूरा सा राज़।
-: नितिन कुमार :-
This completes the poem by expanding on the emotions of longing, distance, and the deep connection through memories.
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