तेरी निगाहें
तेरी निगाहें हैं जैसे सितारे,
दिल में बसाये हैं हज़ारों किनारे।
तेरे बिना हर रात है अंधेरी,
तू ही है मेरी रात की चांदनी।
तेरी आँखों में बसी है एक जादुई चमक,
तू हो तो ये दिल है बस एक प्यारा मुकाम।
तेरे बिना हर ख्वाब हो जाता है अधूरा,
तू ही है मेरे दिल का सबसे प्यारा नज़ारा।
तेरे बिना ये रातें हैं बेजान,
तेरे संग हर पल है जैसे कोई सुनहरा वरदान।
तेरे बिना हर खुशी है जैसे एक ग़म,
तू हो तो मेरी ज़िंदगी है जैसे एक खुशहाल जन्म।
तेरी मुस्कान में छुपी है मेरा सुकून,
तेरे बिना ये दिल है एक जख्म बेज़ुबान।
तू ही है मेरे दिल का हर एक राज़,
तेरे बिना सब कुछ है जैसे एक खोया हुआ खास।
अब तुझमें है मेरी हर एक आस,
तेरे बिना ये दिल है बिल्कुल उदास।
तेरी निगाहें हैं जैसे सितारे,
तू ही है मेरी खुशियों का आधार।
This poem beautifully captures the enchanting essence of the beloved's gaze and how it transforms the night into something bright and meaningful, emphasizing the sense of longing and dependency on their presence for happiness.
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