सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

तेरी निगाहें Teri Nighahen

तेरी निगाहें  



तेरी निगाहें हैं जैसे सितारे,
दिल में बसाये हैं हज़ारों किनारे।
तेरे बिना हर रात है अंधेरी,
तू ही है मेरी रात की चांदनी।

तेरी आँखों में बसी है एक जादुई चमक,
तू हो तो ये दिल है बस एक प्यारा मुकाम।
तेरे बिना हर ख्वाब हो जाता है अधूरा,
तू ही है मेरे दिल का सबसे प्यारा नज़ारा।

तेरे बिना ये रातें हैं बेजान,
तेरे संग हर पल है जैसे कोई सुनहरा वरदान।
तेरे बिना हर खुशी है जैसे एक ग़म,
तू हो तो मेरी ज़िंदगी है जैसे एक खुशहाल जन्म।

तेरी मुस्कान में छुपी है मेरा सुकून,
तेरे बिना ये दिल है एक जख्म बेज़ुबान।
तू ही है मेरे दिल का हर एक राज़,
तेरे बिना सब कुछ है जैसे एक खोया हुआ खास।

अब तुझमें है मेरी हर एक आस,
तेरे बिना ये दिल है बिल्कुल उदास।
तेरी निगाहें हैं जैसे सितारे,
तू ही है मेरी खुशियों का आधार।


This poem beautifully captures the enchanting essence of the beloved's gaze and how it transforms the night into something bright and meaningful, emphasizing the sense of longing and dependency on their presence for happiness.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कुछ कमीने दोस्त Kuch Kamine Dost

 कुछ कमीने दोस्त कभी हंसते हैं, कभी रुलाते हैं,  कुछ क़ामिन दोस्त हमें यूं ही सताते हैं।  हंसी में छुपा एक राज़ है, जो  हर मस्ती में अपनी बात बताते हैं।  जब भी मुश्किलें आईं, साथ खड़े रहे,  फिर भी कभी-कभी दिल से हमें तंग करते रहे।  उनकी दोस्ती का ये अनोखा अंदाज़ है,  कभी प्यार से, कभी मजाक में हमें नचाते हैं।  कभी पास आते, कभी दूर हो जाते,  पर ये दोस्ती में कभी कमी नहीं लाते।  कुछ क़ामिन दोस्त हैं, पर दिल के करीब हैं,  उनके साथ बिताए लम्हे, हमेशा खास रहते हैं। -: नितिन कुमार :-

वो पहली बारिश Woh Pahli Barish

वो पहली बारिश वो पहली बारिश में तेरा मिलना, मेरे दिल में प्यार का फुल खिलना, वो तेरे लबों से उतरती बूंदे, वे तेरे मदहोश नैना,  याद है वो प्यार भरी रैना, भीगी सी बिलखती मेरे पास आती,  मेरे बाँहों में खुद ही समां जाती याद है आज भी तेरे प्यार का जहाँ, आज भी पहली बारिश में मैं मचलता यहाँ आज भी वो यादें भिगोके जाती है, जब पहली बारिश में तेरी याद आती है................

चांदनी रात Chandni Raat

 चांदनी रात चांदनी रात में तेरा ख्याल आता है, दिल को जैसे कोई सुकून दिलाता है। तेरे बिना ये चाँद भी अधूरा लगे, तू ही है मेरी रात का वो चाँद। तेरे चेहरे की रोशनी में झिलमिलाते हैं तारे, तेरे बिना ये आकाश भी लगे सूनसान सारे। तेरे ख्यालों में खोकर मैं हर दर्द भूल जाता, तेरी यादों की चादर ओढ़कर सुकून पाता। जब चाँद निकलता है, तेरा नाम लेता है, तेरी हंसी की गूंज हर काजल से लिपटता है। तू है तो रातें हैं खुशनुमा, तेरे बिना ये आसमान भी लगता है सुना। तेरे बिना चाँद की चाँदनी फीकी है, तेरे प्यार की खुशबू से हर रात महकी है। तू ही है मेरे दिल का हर राज़, तेरे साथ बिताए लम्हे हैं सबसे खास। अब हर चांदनी रात में तेरा एहसास है, तेरे बिना ये जीवन एक अधूरा इतिहास है। तू ही है मेरी रात का वो चाँद, तेरे साथ में ही हर ख्वाब है बुनता। This poem beautifully expresses how the presence of a loved one transforms the beauty of a moonlit night into something profound and meaningful, highlighting their importance in every moment.