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तेरे प्यार की महक Tere Pyar Ki Mehak

तेरे प्यार की महक 



तेरे प्यार की महक से महक उठी है जिंदगी,
तू ही है मेरे दिल की हर खुशी।
तेरे बिना ये जीवन सूना लगे,
तू ही है मेरा प्यार, तू ही मेरा सहेज।

तेरी हंसी में बसी है मेरी हर ख्वाहिश,
तेरे बिना हर दिन लगता है अधूरा, जैसे कोई कशिश।
तू हो तो हर सुबह में है एक नई बात,
तेरे बिना ये दिल है एक बेजान रात।

तेरे बिना सब कुछ है खाली,
तेरे साथ हर लम्हा है बेहद प्याली।
तू हो तो हर ख्वाब साकार हो जाता है,
तेरे बिना ये दिल बस तन्हा रह जाता है।

तेरी चाहत ने दी है मुझे एक नया रूप,
तू ही है मेरी खुशियों का हर एक सूप।
तेरे बिना जीवन लगता है निराशाजनक,
तेरे साथ बिताए लम्हे हैं जैसे कोई सुनहरा धड़क।

अब तुझमें है मेरी हर एक आस,
तेरे बिना ये दिल है बिल्कुल उदास।
तू ही है मेरे दिल का हर साज,
तेरे बिना ये जीवन है जैसे कोई निराश।


This poem conveys the essence of love and how the beloved's affection brings joy and meaning to life, portraying their absence as a source of emptiness and longing.

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