तेरे प्यार की कमी
तेरे बिना हर सुबह अधूरी है,
तेरी यादों में हर शाम कली है।
दिल की धड़कन अब थमी सी है,
तेरे प्यार की कमी हर सांस में जी है।
चाँदनी रातों में तेरा ख्वाब आता,
तेरे बिना ये दिल क्यों इतना तड़पता?
तेरे हंसने की गूंज अब सुनाई नहीं देती,
तेरी मुस्कान से जो दुनिया सजती,
वो खोई नहीं रहती।
हर लम्हा तेरा इंतज़ार है,
तेरे बिना ये जीवन बेकार है।
आ लौट आ, मेरी जान, एक बार,
तेरा बिना जीना है अब तो बेकार।
तेरे बिना ये दिल उदास है,
हर ख्वाब में तेरा एहसास है।
तेरे संग बिताए वो पल,
अब यादों में हैं, बस एक जलसा है।
चाँदनी रातें, वो हँसी की बातें,
तेरे बिना सब अधूरा, सब खाली है।
आँखों में बसी थी तेरी तस्वीर,
अब हर सूरत में तेरा ही साया है।
दूरियाँ बढ़ीं, पर प्यार कम न हुआ,
तेरे बिना ये जीवन सुना-सुना है।
काश तू समझती, काश तू लौट आती,
तेरे बिन मेरा हर दिन एक सजा है।
दिल की धड़कन में तेरा नाम है,
तू है मेरी खुशियों का अरमान है।
तेरे बिना हर सुबह अधूरी,
तेरी यादों में ये दुनिया नज़दीकी।
खामोशियों में गूंजती है तेरा नाम,
तेरे बिना हर चीज़ है बेजान।
वो हंसी, वो बातें, वो प्यारे लम्हे,
अब हैं बस यादों के धुंधले खेले।
दिल की धड़कन में बसती तू,
तेरे बिना हर ख्वाब लगती तन्हा।
रात की चादर में छुपा हैं ग़म,
तेरा साथ था जैसे बहारों का क़दम।
पलकों पे रखा था तेरा नाम,
तू ही है मेरे सपनों का अरमान।
आ, लौट आ, मेरे दिल की धड़कन,
तेरे बिना ये जीवन है सन्नाटे का चमन।
तेरे बिना, दिल में है वीरानी,
चाँदनी रातों में तेरी यादें हैं जानी।
तेरी हंसी की गूंज, अब सुनाई नहीं देती,
हर ख्वाब में तेरा चेहरा, पर तू पास नहीं होती।
यादों की बारिश में, मैं तरसता हूँ तेरा,
तू ही है मेरा सब, तू ही है मेरा सवेरा।
हर सुबह बिना तेरे, अधूरी सी लगती,
तेरे बिना ये जिंदगी, जैसे एक सजा सी लगती।
तू जहाँ भी हो, मेरे दिल में बसी है,
तू लौट आ, मेरी दुनिया फिर से हसीन बन जाएगी।
तेरे बिना ये दिल, एक खाली सा बर्तन,
तेरी यादों के सहारे, मैं जीता हूँ हर दिन।
-: नितिन कुमार :-
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