देश की मिट्टी (Desh ki Mitti) - Soil of the Nation पहला छंद: देश की मिट्टी, चंदन सी पावन, माथे पे लगाऊँ, बन जाऊँ मैं धावन। इसकी रक्षा में, जीवन अर्पण कर दूँ, भारत माँ की सेवा में, हर पल समर्पित रहूँ। दूसरा छंद: इस मिट्टी में जन्मे, वीर सपूत अनेक, जिनकी गाथा गाता, हर एक जन सेवक। भगत सिंह, गाँधी, नेहरू की यह धरती, त्याग और बलिदान की, अमर कहानी गढ़ती। तीसरा छंद: इस मिट्टी में खिले, रंग-बिरंगे फूल, भाईचारा, एकता का, अनुपम है मूल। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब यहाँ, मिलजुल कर रहते, जैसे एक परिवार महान। चौथा छंद: देश की मिट्टी, मेरी माँ का आँचल, इसकी रक्षा में, मैं हूँ अटल। हर कण में बसा, देशप्रेम का भाव, भारत माँ की जय, यही मेरा है ठाव।
रोमांटिक हिंदी कविताएँ प्रेम और भावना की सबसे गहरी अभिव्यक्ति का माध्यम होती हैं। ये कविताएँ दिल के भीतर छिपे उन अनकहे जज़्बातों को शब्दों में पिरोने का एक अनूठा तरीका हैं, जिन्हें शायद कहना आसान नहीं होता। रोमांटिक कविताओं में प्रेमी-प्रेमिका के बीच का भावनात्मक संबंध, उनके प्यार का जादू, एक-दूसरे के बिना जीवन का अधूरापन, और साथ होने पर मिलने वाला सुकून बेहद खूबसूरती से उकेरा जाता है। इन कविताओं के माध्यम से प्यार की नाजुक और कोमल भावनाओं को बयान किया जाता है, जो दिल की गहराइयों तक छू जाती हैं।