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चांदनी रात Chandni Raat

 चांदनी रात चांदनी रात में तेरा ख्याल आता है, दिल को जैसे कोई सुकून दिलाता है। तेरे बिना ये चाँद भी अधूरा लगे, तू ही है मेरी रात का वो चाँद। तेरे चेहरे की रोशनी में झिलमिलाते हैं तारे, तेरे बिना ये आकाश भी लगे सूनसान सारे। तेरे ख्यालों में खोकर मैं हर दर्द भूल जाता, तेरी यादों की चादर ओढ़कर सुकून पाता। जब चाँद निकलता है, तेरा नाम लेता है, तेरी हंसी की गूंज हर काजल से लिपटता है। तू है तो रातें हैं खुशनुमा, तेरे बिना ये आसमान भी लगता है सुना। तेरे बिना चाँद की चाँदनी फीकी है, तेरे प्यार की खुशबू से हर रात महकी है। तू ही है मेरे दिल का हर राज़, तेरे साथ बिताए लम्हे हैं सबसे खास। अब हर चांदनी रात में तेरा एहसास है, तेरे बिना ये जीवन एक अधूरा इतिहास है। तू ही है मेरी रात का वो चाँद, तेरे साथ में ही हर ख्वाब है बुनता। This poem beautifully expresses how the presence of a loved one transforms the beauty of a moonlit night into something profound and meaningful, highlighting their importance in every moment.